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जन्मजात क्षमता के साथ जन्मी निर्मला ने तय किये रास्तों, वर्तमान, और भविष्य में आगे बढ़ने के संकेत दिए। सिर्फ़ कुछ मिनटो में । इससे पहले कि आप उनसे कुछ पूछें, वह सवालों के जवाब तक पहुँच जाती है । वे कहती है, "एक विचार आवृति कम्पन द्वारा यात्रा करता है और मैं इसे आपके जीवन में घटनेवाली घटनाओं में उपयोग करती हूं।"
छह साल की उम्र में निर्मला के अन्तर्श्चेतना ने छिपी हुई भविष्यवाणियों को एक स्पष्टता के साथ अंजाम दिया जिसे समुदाय में कोई भी अनदेखा नहीं कर सकता था। उनके पिता ने उनकी रहस्यमय क्षमताओं का समर्थन करते हुए एक दुर्लभ स्वतंत्रता प्रदान की। जैसे-जैसे समस्याओं का हल मांगने वालों की संख्या बढ़ती गई, दस साल की निर्मला अक्सर अपने कमरे में भागती हुई जाती और उस परमात्मा से प्रार्थना करती, “इस दफ़ा प्रभु मेरी प्रज्ञा को अर्थात् मेरे कथन को सच करो और आगे से में भविष्य कथन नहीं करूँगी ।” किन्तु फिर कोई उनके घर समस्या लेकर आता और इस प्रक्रिया का क्रम चलता रहा ।
फिर, एक उज्ज्वल सर्दियों की सुबह बारह वर्षीय निर्मला अपने घर के छोटे से मंदिर में सत्रह घंटे तक मौन आराधना में बैठी रही। उनके शब्दों में, “यह मौन की ध्वनियों के साथ मेरी पहली मुठभेड़ थी। मैं उन सभी घंटों में कुछ इस तरह से बैठी रही कि मेरे किशोर मन को शब्दों में प्रारूपित करने की आवश्यकता नहीं थी। और अब उन सभी वर्षों के बाद भी, उस विशाल अंतरिक्ष की अमूर्त गुणवत्ता को मौन रहकर ही समझ पाती हूँ । मेरा मानना है कि शब्द अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है किन्तु मौन शब्दों से कई कई गुना ज़्यादा सशक्त है क्योंकि मुक्त है शब्द के बोझ से ।”
तब से, निर्मला ने पैंतीस साल तक ४ नवरात्र माने वर्ष के ४० दिन वह मौन रहती थी सबके बीच ... कोई पलायनवाद नहीं। वे सृष्टि के हर पहलू से प्रेम करती है - ध्वनियाँ, रंग और सुगंध । दशकों तक अनुसंधान और अध्ययन के बाद भारतीय ज्योतिष, मनोगत विज्ञान, यज्ञ और मंत्र विधा चिकित्सा में उन्हें राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ कला के एक मास्टर के रूप में स्वीकार किया गया है। एक महिला के रूप में, वह पारंपरिक रूप से पितृसत्तात्मक पेशे के भीतर एक ताकत है। अपने बाद आने वाले सभी के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत।
निर्मला उल्लेखनीय रूप से किसी भी संगठनात्मक संलग्नक और उपाधियों से दूर है। स्पष्ट सिद्धांतों के साथ, वह व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से सामूहिक प्रगति का प्रयास करतीं है। जमीनी स्तर पर अथक परिश्रम करते हुए, समाज के हर तबके के लोगों का मार्गदर्शन करना और हमेशा सुलभ रहना उनकी विशेषता है जिससे हर एक व्यक्ति उनके साथ अपने को व्यक्तिगत तौर पर जुड़ा हुआ महसूस करता है।
निर्मला आपकी वास्तविकता को सुनती है, उद्देश्य स्पष्टता और खुली स्वीकृति के साथ बोलती है, तथा आपकी स्थितियों और कठिनाइयों से बाहर निकलते हुए मार्ग प्रशस्त करती है।
इन सब से ऊपर वे आपके दिल की गहराइयों में हल्के से बोलतीं है ... एक मार्गदर्शक, एक भरोसेमंद दोस्त, और एक बुद्धिमान गणितज्ञ के रूप में । सब एक आमंत्रित हंसी के साथ जो चलती राह में सभी को परिग्रहण कर लेती है ।
निर्मला बोलती है ...
दिव्यता क्या है ... ?
वह परम प्रकाश ऊर्जा जो समस्त ब्रम्हाण्ड में व्याप्त है ।
और फिर हम कौन हैं ...?
उस अंतहीन प्रकाश का एक अंश...
और हम कहां जाएंगे ...?
वापस... वापस उस परम रौशनी में लीन होने जिसका हम अंश है ।
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